जैव ऊर्जा ग्रुप
जैव ऊर्जा ग्रुप का गठनतत्कालीनसूक्ष्मजीवविज्ञान प्रभाग से हुआ है।
गोबर गैससंयंत्रसे अवायुजीवीसेल्युलिटिक एवं मिथेनोजेनिकजीवाणुओं का विवरण भारत में सर्वप्रथम आघारकर अनुसंधान संस्थान के तत्कालीनसूक्ष्मजीव विज्ञान प्रभाग ने किया है।अवायुजीवीजीवाणुओं का एक विशेष संग्रह भी स्थापित किया गया है।
धारणीयऊर्जा के लिए उपयोगी सूक्ष्मजीवोंकी खोजकरने पर जैव ऊर्जा ग्रुपकी वर्तमान अनुसंधान गतिविधियाँकेंद्रित है। इन गतिविधियोंका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है:
- धारणीयऊर्जा के लिए चरम/प्राचीन/ विशिष्ट पर्यावरण केसूक्ष्मजैविक विविधता की खोज।
- कृषि से निर्मित कूड़े से मीथेन, हाइड्रोजन, ब्युटेनोल, इथेनॉल एवं अन्य जैविकइंधनों के उत्पादन के लिए जैविकप्रक्रियाओं का विकास।
- सूक्ष्मजीवाणुओं द्वारा तेल की अतिरिक्त उगाही(एम ई ओ आर)।
- पेट्रोलियमहाइड्रोकार्बनों का जैविकउपचार।
- विकसित प्रक्रियाओं को बड़े स्तर परलेजाना।
- प्रक्रिया में सुधार करने हेतु डाईजेस्टरों एवं रिएकटरों की सूक्ष्मजैविक समुदायों एवंउपापचयकों की रूपरेखा बनाना।